नागार्जुन

गीत गोविन्द / Geet Govind नागार्जुन - नई दिल्ली: वाणी प्रकाशन, 2020. - 62p.

‘गीतगोविंद’ संस्कृत कवि जयदेव द्वारा रचित एक अनुपम काव्य ग्रंथ है, जिसमें राधा-कृष्‍‍ण की केलि-कथाओं तथा उनकी अभिसार-लीलाओं के अत्यंत रसमय चित्रण के साथ ही प्रेम के सभी भारतीय रूपों का बड़ी तन्मयता और कुशलता के साथ वर्णन किया गया है। समग्र संस्कृत साहित्‍य में इस को‌ट‌ि की मधुर रचना दूसरी कोई नहीं। यह आध्या‌त्‍म‌िक श्रृंगार का अत्यंत मनोरम काव्य ग्रंथ है, जिसमें शब्द और अर्थ का मनोमुग्‍‍धकारी सामंजस्य है। कृष्‍ण भक्‍त‌ि साहित्य में ‘गीतगोविंद’ को धर्मग्रंथ का स्‍थान प्राप्‍त है। श्रीवल्लभ संप्रदाय में भी ‘गीतगोविंद’ को श्रीमद‍्भगवत पुराण के समान प्रतिष्‍ठा प्राप्‍त है। यह ग्रं‌थ देश-विदेश के अनेक मूर्द्ध‍‍न्य एवं लब्‍धप्रतिष्‍ठ विद्वान‍् समीक्षकों द्वारा मुक्‍त कंठ से br>प्रशंसित है। प्रस्तुत है, धर्म और दर्शन के क्षेत्र में सुप्रति‌ष्‍ठ‌ित इस ग्रंथ-रत्‍न का सुमधुर हिंदी अनुवाद।


Hindi

9789350725757


Sanskrit poetry
Gita Govinda—Criticism and interpretation

294.5923 / NAG-G