000 -LEADER |
fixed length control field |
05934nam a22002057a 4500 |
020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER |
ISBN |
9789383894628 |
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER |
Classification number |
891.4337 |
Item number |
KUR-S |
100 ## - MAIN ENTRY--AUTHOR NAME |
Personal name |
कुर्रे, रेखा |
245 ## - TITLE STATEMENT |
Title |
समकालीन परिदृश्य और प्रभा खेतान के उपन्यास |
246 ## - VARYING FORM OF TITLE |
Title proper/short title |
Samkaleen paridrasya aur Prabha Khetan ke upanyas |
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. (IMPRINT) |
Place of publication |
नई दिल्ली |
Name of publisher |
हिन्दी बुक सेंटर |
Year of publication |
2019 |
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. (IMPRINT) |
Place of publication |
नई दिल्ली |
Name of publisher |
भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसन्धान परिषद्, |
Year of publication |
2019 |
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION |
Number of Pages |
xiii, 364p. |
500 ## - GENERAL NOTE |
General note |
भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसन्धान परिषद्, नई दिल्ली के डॉक्टोरल फेलोशिप हेतु प्रस्तुत अन्तिम शोध परिवेदन पर आधारित<br/> |
520 ## - SUMMARY, ETC. |
Summary, etc |
समकालीन परिदृश्य और प्रभा खेतान' में युवा आलोचक रेखा कुर्रे ने प्रभा खेतान के उपन्यासों पर वृहत्तर संदर्भो में विचार किया है। यह पुस्तक आपको प्रभा खेतान के पूरे व्यक्तित्व, कृतित्व के साथ उनकी पूरी वैचारिकी को विस्तृत रूप में गहराई से प्रस्तुत करती है। प्रभा खेतान ने रुढिबध्द मारवाड़ी समाज की स्री होने के बावज़ूद स्री अस्मिता, स्वतंत्रता और आर्थिक स्वतंत्रता की चेतना को बेबाकी के साथ अपने उपन्यासों और अपनी आत्मकथ में चित्रित है। स्त्री ने आज नए-नए मुकाम अवश्य हासिल किये है किन्तु उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उन्हें पितृसत्तात्मक व्यवस्था में स्त्री जीवन की सच्चाई को बाल्यावस्था से जीवन के विभिन्न पड़ावो में सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, धार्मिक और सांस्कृतिक रूप में गहराई से देखने और समझने का यह एक माध्यम रहा है। स्त्री जीवन तथा स्त्री -पुरुष संबंधो से जुड़े उन तमाम सवालों को इस पुस्तक में उठाया गया है।<br/><br/>हिंदी साहित्य के महिला लेखन की पूरी परंपरा में प्रभा खेतान के उपन्यासों की महत्ता और उपलब्धि को दर्शाया गया है। अस्तित्ववाद, मार्क्सवाद, नारीवाद, भूमंडलीकरण से लेकर उत्तर आधुनिकता के विमर्शो में स्त्री विमर्श तक की चर्चा प्रभा खेतान के विचारो के माध्यम से प्रस्तुत की गई है। समकालीन परिदृश्य में सामाजिक परिवर्तनों की चर्चा उपन्यासों के माध्यम से की गई है। यह पुस्तक स्त्री - पुरुष के संबंधो की गहराई से पड़ताल भी करता है। वर्तमान समय में स्त्री जीवन की अनेक विडंबनों और सवालो को भी उठाता हैं। साथ ही साथ इन सवालो के जवाब साक्षात्कार के माध्यम से लेखिकाओं के विचारों को भी व्यक्त करती हैं। अतः इस पुस्तक के सन्दर्भ में यह दृष्ट्व्य है की रेखा कुर्रे ने स्त्री विमर्श और सामाजिक परिदृश्य के आलोक में प्रभा खेतान के उपन्यासों की न केवल सूक्ष्म पड़ताल की है बल्कि स्त्री - जीवन के व्यापक अनुभवों की कसौटी पर इसका तार्किक मूल्यांकन भी प्रस्तुत साहित्य प्रेमियों और अध्येताओं को अपनी ओर आकर्षित करेगी। साथ ही साथ शोधार्थियों के लिए भी यह पुस्तक महत्वपूर्ण साबित होगी |
546 ## - LANGUAGE NOTE |
Language note |
Hindi Book |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM |
Topical Term |
Sociology |
Form subdivision |
Social Condition |
-- |
Women Condition |
Geographic subdivision |
India |
710 ## - ADDED ENTRY--CORPORATE NAME |
Corporate name or jurisdiction name as entry element |
भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसन्धान परिसद , नई दिल्ली |
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA) |
Source of classification or shelving scheme |
|
Koha item type |
Books |