000 -LEADER |
fixed length control field |
04531nam a22002297a 4500 |
020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER |
ISBN |
9788178443607 |
041 ## - LANGUAGE CODE |
Language code of text/sound track or separate title |
HIN |
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER |
Classification number |
307.772 |
Item number |
VIK- |
245 ## - TITLE STATEMENT |
Title |
विकास पर्यावरण और आदिवासी समाज / |
Statement of responsibility, etc |
फरहद मालिक और रुपेश कुमार द्वारा संपादित |
246 ## - VARYING FORM OF TITLE |
Title proper/short title |
Vikas paryavaran aur adivashi samaj. |
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. (IMPRINT) |
Place of publication |
न्यू दिल्ली : |
Name of publisher |
के. के. पब्लिकेशन, |
Year of publication |
2022. |
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION |
Number of Pages |
86p. |
504 ## - BIBLIOGRAPHY, ETC. NOTE |
Bibliography, etc |
ग्रंथसूची संदर्भ शामिल हैं | |
520 ## - SUMMARY, ETC. |
Summary, etc |
वैश्विक स्तर पर विकास, पर्यावरण और आदिवासी समाज की चिंता एक प्रमुख मुद्दा है। यह विमर्श अब केवल बौद्धिक समुदाय तक सीमित नहीं है, बल्कि सामान्य जन के बीच भी इसकी चर्चा होने लगी है। लगातार घटते वन क्षेत्र और नष्ट होती आदिवासी सभ्यता एवं संस्कृति को बचाने के लिए तरह-तरह के तर्क प्रस्तुत किये जा रहे हैं, लेकिन कोई प्रभावी उपाय अब तक नही अपनाया जा सका। विकास के नाम पर पूँजी और सत्ता के गठजोड़ ने प्रकृति पर विजय पाने की कामना को इस कदर बढ़ा दिया है कि मानव सह-जीवन को भूलता जा रहा है।<br/><br/>जनजातियाँ प्रकृति एवं वन्य जीवों के महत्त्व को समझती हैं और उसके साथ सह-जीवन यापन कर रही हैं, किन्तु दुर्भाग्यवश सत्ता उसे ही इनका दुश्मन मान बैठी है। जिसके कारण जनजातियों के मानवाधिकारों की परवाह किये बिना कईओं को विस्थापित किया जा चुका है तो कई को किया जा रहा है। यह सब क्यों और कैसे संभव हो रहा है? पर्यावरण एवं आदिवासी सभ्यता और संस्कृति को कैसे बचाया जा सकता है? यह पुस्तक इसके कारणों की खोज करने के उद्देश्य से सम्पादित की गई है, जिसमें अकादमिक व प्रशासनिक विभाग के साथ पर्यावरण सुरक्षा और आदिवासी अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाले लोगों के लेखों को शामिल किया गया है। सभी लेखकों के अपने स्वतंत्र विचार है, इससे सहमति असहमति हो सकती है, लेकिन इस विषय पर समझ विकसित करने के उद्देश्य से सभी लेख महत्वपूर्ण हैं। उम्मी है यह पुस्तक पाठकों के लिए उपयोगी साबित होगी। |
546 ## - LANGUAGE NOTE |
Language note |
हिंदी. |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM |
Topical Term |
पर्यावरणीय परिवर्तन और आदिवासी समुदायों का प्रभाव. |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM |
Topical Term |
पर्यावरण संरक्षण और आदिवासी समाज: संघर्ष और संगठन. |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM |
Topical Term |
संसाधनों का उपयोग, बांटवारा और आदिवासी समाज के विकास. |
700 ## - ADDED ENTRY--PERSONAL NAME |
Personal name |
मलिक, फरहद |
Relator term |
Farhad Malik संपादक |
700 ## - ADDED ENTRY--PERSONAL NAME |
Personal name |
कुमार, रूपेश |
Relator term |
Rupesh Kumar संपादक |
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA) |
Source of classification or shelving scheme |
|
Koha item type |
Books |