000 -LEADER |
fixed length control field |
03152 a2200157 4500 |
020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER |
ISBN |
9789392574030 |
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER |
Classification number |
904 |
Item number |
KIS-D |
100 ## - MAIN ENTRY--AUTHOR NAME |
Personal name |
किशोर,पल्लव |
Fuller form of name |
Pallav Kishore |
245 ## - TITLE STATEMENT |
Title |
दुनिया को बदल देने वाले 50 युद्ध: |
Statement of responsibility, etc |
पल्लव, किशोर |
246 ## - VARYING FORM OF TITLE |
Title proper/short title |
Duniya Ko Badal Denewale 50 Yuddha |
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. (IMPRINT) |
Name of publisher |
प्रभात प्रकाशन: |
Place of publication |
दिल्ली |
Year of publication |
2023 |
520 ## - SUMMARY, ETC. |
Summary, etc |
प्रकति में जब भूकंप या सूनामी इत्यादि आपदाओं के कारण उथल-पुथल मचती है तो दुनिया के नक्शे में बदलाव होता है और जब कतिपय कारणों से सामाजिक वर्णों में युद्ध छिड़ता है तो समाज के स्तर पर दुनिया में बड़ा बदलाव आता है। प्रथम विश्वयुद्ध के बाद अनेक यूरोपीय और अफ्रीकी देशों की भू- सीमाओं और मानविकी में उल्लेखनीय परिवर्तन हुआ, जिससे स्थानीय सभ्यता और संस्कृति पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ा। दूसरे विश्वयुद्ध ने आग में घी का काम किया और पूरी दुनिया को प्रभावित किया। भारत के आजादी के संग्राम और उसके बाद भारत का विभाजन कर पाकिस्तान बनाया गया--उस दौरान हुए भीषण संघर्ष में न केवल दुनिया के नक्शे पर एक नए देश का आविर्भाव हुआ, वरन्] भयंकर रक्तक्रांति भी हुईं। इसने आगामी अनेक वर्षों तक मानव सभ्यता को प्रभावित किया। दरअसल जब से दुनिया बनी है, युद्ध कहीं-न-कहीं होते रहे हैं। आज भी अनेक देश युद्ध की आग में झुलस रहे हैं--सीरिया संकट, उत्तर कोरिया संकट, अफगानिस्तान में तालिबान संकट, भारत- पाक तना-तनी, इजराइल-फिलिस्तीन संकट। दुनिया में अमन-शांति के लिए आवश्यक है कि मानवहित में इन युद्धों पर पूर्णविराम लगे। |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM |
Topical Term |
World history |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM |
Topical Term |
दुनिया के इतिहास |
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA) |
Source of classification or shelving scheme |
|
Koha item type |
Books |