चौंसठ सूत्र सोलह अभिमान: (Record no. 39364)
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000 -LEADER | |
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fixed length control field | 04705nam a2200229 4500 |
020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER | |
ISBN | 9789388753920 |
041 ## - LANGUAGE CODE | |
Language code of text/sound track or separate title | hin- |
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER | |
Classification number | 891.433 |
Item number | MIS-C |
100 ## - MAIN ENTRY--AUTHOR NAME | |
Personal name | मिश्रा, अविनाश |
Relator term | लेखक. |
245 ## - TITLE STATEMENT | |
Title | चौंसठ सूत्र सोलह अभिमान: |
Sub Title | कामसूत्र से प्रेरिट/ |
Statement of responsibility, etc | अविनाश मिश्रा. |
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. (IMPRINT) | |
Place of publication | नई दिल्ली: |
Name of publisher | राजकमल प्रकाशन, |
Year of publication | 2019. |
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION | |
Number of Pages | 104p. |
504 ## - BIBLIOGRAPHY, ETC. NOTE | |
Bibliography, etc | Includes bibliography and index. |
520 ## - SUMMARY, ETC. | |
Summary, etc | अविनाश मिश्र कविता के अति विशिष्ट युवा हस्ताक्षर हैं। इस संग्रह में शामिल कविताएँ एक लम्बी कविता के दो खंडों के अलग-अलग चरणों के रूप में प्रस्तुत की गई हैं। कवि प्रेम में आता है और साथ लेकर आता है—कामसूत्र। वात्स्यायन कृत कामसूत्र। इसी संयोग से इन कविताओं का जन्म होता है। कवि प्रेम और कामरत प्रेमी भी रहता है और दृष्टाकवि भी। वात्स्यायन की शास्त्रीय शैली उसे शायद अपने विराम, और अल्पविराम पाने, वहाँ रुकने और अपने आप को, अपनी प्रिया को, और अपने प्रेम को देखने की मुहलत पाना आसान कर देती है, जहाँ ये कविताएँ आती हैं और होती हैं। यह शैली न होती तो वह प्रेम में डूबने, उसमें रहने, उसे जीने-भोगने की प्रक्रिया को शायद इस संलग्नता और इस तटस्थता से एक साथ नहीं देख पाता। कोई इन कविताओं को सायास रचा गया कौतुक भी कह सकता है, लेकिन इनका आना और होना इन कविताओं के शब्दों और शब्दान्तरालों में इतना मुखर है कि आप इनकी अनायासता और प्रामाणिकता से निगाह नहीं बचा सकते। ये उतनी ही प्राकृतिक कविताएँ हैं, जितना प्राकृतिक प्रेम होता है, जितना प्राकृतिक काम होता है। ख़ास बातें काम की चौंसठ कलाएँ और स्त्री के सोलह श्रृंगार – इस संग्रह की 80 कविताओं के आलम्बन यही हैं. इन कविताओं को पढ़ना प्रेम में होने, उसे जीने, अनुभूत करने की प्रक्रिया से गुजरने या स्मृति-आस्वाद को दुहराने जैसा है. कवि का अनुभव-सत्य पाठक के जीवनानुभव के आस्वाद को नया अर्थ देने जैसा है. किताब संग्रहणीय भी है, सुंदर प्रेम-उपहार भी. |
546 ## - LANGUAGE NOTE | |
Language note | Hindi. |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM | |
Topical Term | कामसूत्र |
Form subdivision | प्रभाव |
General subdivision | व्याख्याएँ और अनुकूलन |
Geographic subdivision | भारत |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM | |
Topical Term | मानव यौनिकता |
Form subdivision | अध्ययन |
General subdivision | दार्शनिक और सांस्कृतिक पहलू |
Geographic subdivision | भारत |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM | |
Topical Term | प्रेम और रिश्ते |
Form subdivision | साहित्यिक प्रतिनिधित्व |
General subdivision | सांस्कृतिक धारणाएँ |
Geographic subdivision | भारत |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM | |
Topical Term | भारतीय साहित्य |
Form subdivision | हिंदी |
General subdivision | आधुनिक अनुकूलन |
Geographic subdivision | भारत |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM | |
Topical Term | भारतीय दर्शन |
Form subdivision | यौनिकता और रिश्ते |
General subdivision | प्राचीन प्रभाव |
Geographic subdivision | भारत |
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA) | |
Source of classification or shelving scheme | |
Koha item type | Books |
Withdrawn status | Lost status | Damaged status | Not for loan | Permanent Location | Current Location | Date acquired | Source of acquisition | Cost, normal purchase price | Bill Date | Full call number | Accession Number | Cost, replacement price | Price effective from | Koha item type |
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NASSDOC Library | NASSDOC Library | 2024-03-21 | Overseas Press India Private Limited. | 215.88 | 2024-03-21 | 891.433 MIS-C | 54599 | 299.00 | 2024-03-21 | Books |