000 -LEADER |
fixed length control field |
05093nam a2200253 4500 |
020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER |
ISBN |
9788195965618 |
041 ## - LANGUAGE CODE |
Language code of text/sound track or separate title |
hin- |
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER |
Classification number |
891.433 |
Item number |
VIC- |
245 ## - TITLE STATEMENT |
Title |
विचार का आइना : |
Sub Title |
कला. साहित्य. संस्कृति. प्रेमचंद / |
Statement of responsibility, etc |
सम्पादक आशुतोष पार्थेश्वर; श्रृंखला सम्पादक बद्री नारायण |
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. (IMPRINT) |
Place of publication |
प्रयागराज: |
Name of publisher |
राजकमल प्रकाशन, |
Year of publication |
2023. |
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION |
Number of Pages |
184p. |
504 ## - BIBLIOGRAPHY, ETC. NOTE |
Bibliography, etc |
Including bibliography and index. |
520 ## - SUMMARY, ETC. |
Summary, etc |
विचार का आईना शृंखला के अन्तर्गत ऐसे साहित्यकारों, चिन्तकों और राजनेताओं के ‘कला साहित्य संस्कृति’ केन्द्रित चिन्तन को प्रस्तुत किया जा रहा है जिन्होंने भारतीय जनमानस को गहराई से प्रभावित किया। इसके पहले चरण में हम मोहनदास करमचन्द गांधी, रवीन्द्रनाथ ठाकुर, प्रेमचन्द, जयशंकर प्रसाद, जवाहरलाल नेहरू, राममनोहर लोहिया, रामचन्द्र शुक्ल, सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’, महादेवी वर्मा, सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ और गजानन माधव मुक्तिबोध के विचारपरक लेखन से एक ऐसा मुकम्मल संचयन प्रस्तुत कर रहे हैं जो हर लिहाज से संग्रहणीय है। प्रेमचन्द ऐसे युगप्रवर्तक लेखक हैं जो हिन्दी और उर्दू कथा साहित्य को एक मुकम्मल शुरुआत देते हैं। वे कहानी और उपन्यास को यथार्थवाद की जनपक्षधर जमीन पर ले आए जहाँ जनसाधारण को नायकत्व मिला। उनकी कहानियों और उपन्यासों ने न सिर्फ हिन्दी कथा साहित्य के विकास के लिए नए द्वार खोले बल्कि उनका गहरा असर समूचे भारतीय कथा साहित्य पर पड़ा। बतौर सम्पादक और चिन्तक उन्होंने जो निबन्ध लिखे, वे भारतीय समाज की बनावट और बुनावट की गहरी पड़ताल करते हैं। वे उन अनेक समस्याओं और विसंगतियों की सटीक पहचान करते हैं जिनसे भारतीय समाज आज तक जूझ रहा है। हमें उम्मीद है कि कठिन वर्तमान से जूझते हुए उनके कला, साहित्य और संस्कृति सम्बन्धी प्रतिनिधि निबन्धों की इस किताब में हमें अनेक समकालीन सवालों के जवाब के साथ-साथ विचारणीय नए सवाल भी मिलेंगे। |
546 ## - LANGUAGE NOTE |
Language note |
Hindi. |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM |
Topical Term |
प्रेमचंद, मुंशी |
Form subdivision |
कृतियाँ |
General subdivision |
साहित्यिक अध्ययन |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM |
Topical Term |
हिंदी साहित्य |
Form subdivision |
आलोचना |
General subdivision |
प्रेमचंद की काव्यधारा |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM |
Topical Term |
कला, साहित्य और संस्कृति |
Form subdivision |
समालोचनात्मक अध्ययन |
General subdivision |
प्रेमचंद की दृष्टि |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM |
Topical Term |
भारतीय साहित्य |
Form subdivision |
हिंदी |
General subdivision |
प्रेमचंद का योगदान |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM |
Topical Term |
संस्कृति और समाज |
Form subdivision |
अध्ययन |
General subdivision |
साहित्य और समाज का सम्बन्ध |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM |
Topical Term |
साहित्यिक आलोचना |
Form subdivision |
प्रेमचंद पर विश्लेषण |
General subdivision |
कला और संस्कृति के संदर्भ में |
700 ## - ADDED ENTRY--PERSONAL NAME |
Personal name |
पार्थेश्वर, आशुतोष |
Relator term |
सम्पादक |
700 ## - ADDED ENTRY--PERSONAL NAME |
Personal name |
नारायण, बद्री |
Relator term |
श्रृंखला सम्पादक |
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA) |
Source of classification or shelving scheme |
|
Koha item type |
Books |