मैं और मैं / (Record no. 39413)
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000 -LEADER | |
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fixed length control field | 04797nam a22002297a 4500 |
020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER | |
ISBN | 9788126725762 |
041 ## - LANGUAGE CODE | |
Language code of text/sound track or separate title | hin- |
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER | |
Classification number | 891.433 |
Item number | GAR-M |
100 ## - MAIN ENTRY--AUTHOR NAME | |
Personal name | गर्ग, मृदुला |
Relator term | लेखक |
245 ## - TITLE STATEMENT | |
Title | मैं और मैं / |
Statement of responsibility, etc | मृदुला गर्ग |
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. (IMPRINT) | |
Place of publication | नई दिल्ली: |
Name of publisher | राजकमल प्रकाशन, |
Year of publication | 2016. |
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION | |
Number of Pages | 240p. |
504 ## - BIBLIOGRAPHY, ETC. NOTE | |
Bibliography, etc | Includes Bibliography and Index. |
520 ## - SUMMARY, ETC. | |
Summary, etc | रचनात्मकता का पल्लवन बेल की तरह आधार चाहता है, भले ही कैसा भी हो बस आकाश की ओर अवलम्बित, जिसके सहारे ऊँचाइयाँ पाई जा सकें । मैं और मैं इन्हीं भटकाते आधारों का अन्तर्द्वन्द्व है । मृदुला गर्ग का यह उपन्यास अपने भीतर के जगत को सच की तपिश से बचाने की प्रवृत्ति को भी रेखांकित करता है, क्योंकि सत्य से साक्षात्कार करें तो भीतर अपराधबोध पनपता है और झूठ में शरण लेने की लालसा––– । मैं और मैं कहानी है मृदुला गर्ग के दो कलात्मक और सशक्त पात्रों–कौशल कुमार और माधवी–के बनते–टूटते सामाजिक और नैतिक आग्रहों की । लेखिका के अनुसार, क्या था माधवी और उसके बीच ? उसके नहीं, माधवी और उसके पति के बीच ? कौशल जैसे प्याले में गिरी मक्खी हो । उसे देखकर वे चीखे नहीं थे, यह उनकी शालीनता थी । मक्खी पड़ा प्याला अलग हटाकर अपने–अपने प्यालों से चाय पीते रहे थे । लग रहा था वे अलग–अलग नहीं, एक ही प्याले से चाय पी रहे हैं और कौशल छटपटाकर बाहर निकल गया है । भिनभिन करके पूरी कोशिश कर रहा है कि उनके सामीप्य में अवरोध पैदा कर दे, पर उसकी भिनभिनाहट उनका मनोरंजन कर रही है, सामीप्य का गठबन्धन और मजबूत कर रही है । जुगुप्सा, वितृष्णा, हिंसा कुछ भी तो नहीं था, जो उसके अस्तित्व–बो/ा को बनाए रखता । एक ओर कौशल का अपने अतीत के लिए समाज को दोषी ठहराना और इस तर्क की बिना पर समाज की भरपूर अवहेलना, वहीं माधवी का समाज की खौफनाक होती शक्ल में अपनी चुप्पी को जिम्मेदार मानना । बाद में कौशल की नजदीकी से वह स्वीकारती है कि सृजन के लिए सब कुछ जायज है, मानवीय रिश्तों का बेहिस्स इस्तेमाल भी––– । |
546 ## - LANGUAGE NOTE | |
Language note | Hindi. |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM | |
Topical Term | आत्मकथात्मक उपन्यास |
Form subdivision | कथा साहित्य |
General subdivision | हिंदी साहित्य |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM | |
Topical Term | नारीवाद और साहित्य |
Form subdivision | महिला लेखन |
General subdivision | आत्मकथात्मक दृष्टिकोण |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM | |
Topical Term | सामाजिक परिवर्तन |
Form subdivision | साहित्य में चित्रण |
General subdivision | नारीवादी दृष्टिकोण |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM | |
Topical Term | भारतीय समाज |
Form subdivision | साहित्य में अध्ययन |
General subdivision | महिलाओं की स्थिति |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM | |
Topical Term | साहित्यिक आलोचना |
Form subdivision | मृदुला गर्ग के कार्यों का अध्ययन |
General subdivision | हिंदी कथा साहित्य |
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA) | |
Source of classification or shelving scheme | |
Koha item type | Books |
Withdrawn status | Lost status | Damaged status | Not for loan | Permanent Location | Current Location | Date acquired | Source of acquisition | Cost, normal purchase price | Bill Date | Full call number | Accession Number | Cost, replacement price | Price effective from | Koha item type |
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NASSDOC Library | NASSDOC Library | 2024-03-21 | Overseas Press India Private Limited. | 288.80 | 2024-03-21 | 891.433 GAR-M | 54622 | 400.00 | 2024-03-21 | Books |