000 -LEADER |
fixed length control field |
04345nam a2200229 4500 |
020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER |
ISBN |
9789393603364 |
041 ## - LANGUAGE CODE |
Language code of text/sound track or separate title |
hin- |
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER |
Classification number |
891.433 |
Item number |
CHT-V |
100 ## - MAIN ENTRY--AUTHOR NAME |
Personal name |
चतुरसेन, आचार्य | Chatursen, Acharya |
Relator term |
लेखक | Author |
Fuller form of name |
आचार्य चतुरसेन | Acharya Chatursen |
245 ## - TITLE STATEMENT |
Title |
वैशाली की नगरवधू / |
Statement of responsibility, etc |
आचार्य चतुरसेन |
246 ## - VARYING FORM OF TITLE |
Title proper/short title |
Vaishali Ki Nagarvadhu by Acharya Chatursen |
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. (IMPRINT) |
Place of publication |
प्रयागराज: |
Name of publisher |
लोकभारती प्रकाशन, |
Year of publication |
2022. |
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION |
Number of Pages |
440p. |
520 ## - SUMMARY, ETC. |
Summary, etc |
‘वैशाली की नगरवधू’ की गणना हिन्दी के श्रेष्ठतम ऐतिहासिक उपन्यासों में की जाती है। आचार्य चतुरसेन शास्त्री ने स्वयं भी इसे अपनी उत्कृष्टतम रचना मानते हुए इसकी भूमिका में लिखा था कि निरन्तर चालीस वर्षों की अर्जित अपनी सम्पूर्ण साहित्य-सम्पदा को मैं आज प्रसन्नता से रद्द करता हूँ; और यह घोषणा करता हूँ कि आज मैं अपनी यह पहली कृति विनयांजलि सहित आपको भेंट कर रहा हूँ। कथा उस अम्बपाली की है जो शैशवावस्था में आम के एक वृक्ष के नीचे पड़ी मिली और बाद में चलकर वैशाली की सर्वाधिक सुन्दर एवं साहसी युवती के रूप में विख्यात हुई। नगरवधू बनने के अनिवार्य प्रस्ताव को उसने धिक्कृत कानून कहा और उसके लिए वैशाली को कभी क्षमा नहीं कर पाई। लेकिन वह अपने देश को प्रेम भी करती है जिसके लिए उसने अपने निजी सुखों का बलिदान भी किया। और अन्त में अपना सर्वस्व त्यागकर बौद्ध दीक्षा ले ली। कई वर्षों तक आर्य, बौद्ध और जैन साहित्य का अध्ययन करने के उपरान्त और लेखक के तौर पर लम्बे समय में अर्जित अपने भाषा-कौशल के साथ लिखित यह उपन्यास न सिर्फ पाठकों के लिए एक नया आस्वाद लेकर आया बल्कि हिन्दी उपन्यास-जगत में भी इसने अपना एक अलग स्थान बनाया जो आज तक कायम है। |
546 ## - LANGUAGE NOTE |
Language note |
Hindi. |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM |
Topical Term |
आचार्य चतुरसेन – कृतियाँ |
Form subdivision |
उपन्यास |
General subdivision |
हिंदी साहित्य |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM |
Topical Term |
वैशाली – ऐतिहासिक दृष्टिकोण |
Form subdivision |
साहित्य में चित्रण |
General subdivision |
प्राचीन भारत |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM |
Topical Term |
भारतीय इतिहास – मौर्य काल (322–185 ई.पू.) |
Form subdivision |
ऐतिहासिक कथा |
General subdivision |
राजनीतिक और सामाजिक परिप्रेक्ष्य |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM |
Topical Term |
समाज और संस्कृति – साहित्य में चित्रण |
Form subdivision |
नारी विमर्श |
General subdivision |
गणिका परंपरा और सामाजिक संरचना |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM |
Topical Term |
हिंदी साहित्य – ऐतिहासिक उपन्यास |
Form subdivision |
अध्ययन और आलोचना |
General subdivision |
भारतीय समाज और संस्कृति |
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA) |
Source of classification or shelving scheme |
|
Koha item type |
Books |