खांटी घरेलू औरत / (Record no. 39452)
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000 -LEADER | |
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fixed length control field | 03877nam a22001937a 4500 |
020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER | |
ISBN | 9789387155374 |
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER | |
Classification number | 891.43108 |
Item number | KAL-K |
100 ## - MAIN ENTRY--AUTHOR NAME | |
Personal name | ममता कालिया |
245 ## - TITLE STATEMENT | |
Title | खांटी घरेलू औरत / |
Statement of responsibility, etc | By ममता कालिया |
246 ## - VARYING FORM OF TITLE | |
Title proper/short title | Khanti Gharelu Aurat |
250 ## - EDITION STATEMENT | |
Edition statement | 2nd |
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. (IMPRINT) | |
Place of publication | नई दिल्ली: |
Name of publisher | वाणी प्रकाशन, |
Year of publication | 2009. |
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION | |
Number of Pages | 104p. |
520 ## - SUMMARY, ETC. | |
Summary, etc | एक लेखक का रचाव और सृजन-माटी जिन तत्वों से बनती है उनमें गद्य, पद्य और नाट्य की समवेत सम्भावनायें छुपी रहती हैं। ममता कालिया ने अपनी रचना-यात्रा का आरंभ कविता से ही किया था। इन वर्षों में वे कथाजगत में होने 56 के बावजूद कविता से अनुपस्थित नहीं रही हैं। प्रस्तुत कविता-संग्रह 'खाँटी घरेलू औरत' उनकी इधर के वर्षों में लिखी गई ताज़ा कविताओं को सामने लाता है। खाँटी घरेलू औरत उनके जेहन में महज़ 1 एक पात्र नहीं वरन् एक विराट प्रतीक है जीवन के उस फ्रेम का जिसमें हर्ष और विषाद, आल्हाद और उन्माद, प्रेम और प्रतिरोध, सुख और असंतोष कभी अलग तो कभी गड्ड-मड्ड दिखाई देते हैं। शादी की अगली सुबह हर स्त्री खाँटी घरेलू की जमात में शामिल हो जाती है। इस सच्चाई में ही दाम्पत्य का सातत्य है। ममता कालिया की कविताओं की अंतर्वस्तु हमेशा उनका समय और समाज रही है। सचेत संवेदना, मौलिक कल्पना, अकूत ऊर्जा और अचूक दृष्टि से तालमेल से ममता का कविजगत निर्मित होता है। इन रचनाओं में जीवनधर्मिता और जीवन में संघर्षधर्मिता का स्वर सर्वोपरि है। इसलिये ये कविताएँ संवाद भी हैं और विवाद भी। इनमें चुनौती और हस्तक्षेप, स्वीकार और नाकार, मौन और सम्बोधन, सब सम्मिलित हैं। विवाह और परिवार के वर्चस्ववादी चौखटे, स्त्री की नवचेतना से टकरा कर दिन पर दिन कच्चे पड़ रहे हैं। स्त्री और पुरुष की पारस्परिकता एक अनिर्णीत शाश्वतता है जिसमें समता और विषमता घुली मिली रहती हैं। खाँटी घरेलू औरत इन सब स्थितियों का जायज़ा लेती है। |
546 ## - LANGUAGE NOTE | |
Language note | Hindi |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM | |
Topical Term | Hindi Literature |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM | |
Topical Term | Hindi Fiction |
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA) | |
Source of classification or shelving scheme | |
Koha item type | Books |
Withdrawn status | Lost status | Damaged status | Not for loan | Permanent Location | Current Location | Date acquired | Source of acquisition | Cost, normal purchase price | Bill Date | Full call number | Accession Number | Cost, replacement price | Price effective from | Koha item type |
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NASSDOC Library | NASSDOC Library | 2024-03-22 | Overseas press | 54.15 | 2024-03-22 | 891.43108 KAL-K | 54652 | 75.00 | 2024-05-22 | Books |