नागार्जुन: चुनी हुई रचनाएँ / (Record no. 39457)
[ view plain ]
000 -LEADER | |
---|---|
fixed length control field | 04549nam a22001817a 4500 |
020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER | |
ISBN | 9789350000885 |
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER | |
Classification number | 891.4308 |
Item number | NAG-C |
100 ## - MAIN ENTRY--AUTHOR NAME | |
Personal name | नागार्जुन |
245 ## - TITLE STATEMENT | |
Title | नागार्जुन: चुनी हुई रचनाएँ / |
Statement of responsibility, etc | नागार्जुन |
246 ## - VARYING FORM OF TITLE | |
Title proper/short title | NAGARJUN : CHUNI HUI RACHNAEN |
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. (IMPRINT) | |
Place of publication | नई दिल्ली: |
Name of publisher | वाणी प्रकाशन, |
Year of publication | 2021. |
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION | |
Number of Pages | 1150p. |
Other physical details | 3 Vol. |
520 ## - SUMMARY, ETC. | |
Summary, etc | नागार्जुन की चुनी हुई रचनाओं के इस पहले खण्ड में उनके चार कालजयी उपन्यास - रतिनाथ की चाची, बलचनमा, वरुण के बेटे और कुम्भीपाक संकलित हैं। इन उपन्यासों में नागार्जुन ने भारतीय जन-जीवन की महागाथा लिखी है। इन्हें एक साथ पढ़ना भारतीय समाज के उन लोगों के बीच से गुजरना है जो आज भी सामाजिक विसंगतियों के बीच शोषण झेलते हुए बेहतर जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। <br/>इस दूसरे खण्ड में नागार्जुन की चुनी हुई कविताओं का संकलन है। जिसमें एक दिलचस्प विशेषता यह भी है कि हिन्दी और मैथली कविताओं के साथ ही उनकी संस्कृत और बांग्ला कविताएँ भी पहली बार प्रकाशित है। इसमें उनकी सोच की एक-एक धड़कन है। <br/>नागार्जुन की चुनी हुई रचनाओं के इस तीसरे खण्ड में उनके निबंध, कहानियाँ, संस्मरण, भाषण, यात्रा वृत्तान्त, महत्त्वपूर्ण पत्र और साक्षात्कार संकलित हैं। इस खण्ड की ऐतिहासिकता इस बात में है कि नागार्जुन के विशाल लेखन का यह बड़ा भाग पहली बार संग्रह के रूप में सामने प्रस्तुत है । जो उनके रचनाकार व्यक्तिव की सम्पूर्ण समझ के लिए नये दरवाजे खोलता है। नागार्जुन के निबंधों की विषय-वस्तु में विविधता है तो कहानियों में चरित्र की संवेदनात्मक बारीकियाँ । उनके संस्मरण सम्बन्धित व्यक्ति के व्यक्तित्व को समग्रता में लाने के साथ-साथ उसका मूल्यांकन भी करते हैं। भाषणों में प्रगतिशील विचार और सीधी सम्प्रेषणीयता है। यात्रा वृत्तांतों में यात्री नागार्जुन द्वारा देश के रम्य और बीहड़ इलाकों के साहसिक सफर की स्मृतियाँ हैं। निजी पत्रों में दोस्तों के जीवन और उनकी मानसिक-पारिवारिक समस्याओं को लेकर चिंताएँ हैं, एक हद तक उनका समाधान भी । अकसर इन पत्रों में यायावर नागार्जुन की घुमक्कड़ी के अगले पड़ाव की सूचना भी है । साक्षात्कार में हैं, उनकी दो टूक बातें। <br/> |
546 ## - LANGUAGE NOTE | |
Language note | Hindi |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM | |
Topical Term | Hindi Literature |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM | |
Topical Term | Hindi Fiction |
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA) | |
Source of classification or shelving scheme | |
Koha item type | Books |
Withdrawn status | Lost status | Damaged status | Not for loan | Permanent Location | Current Location | Date acquired | Source of acquisition | Cost, normal purchase price | Bill Date | Full call number | Accession Number | Cost, replacement price | Price effective from | Koha item type |
---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
NASSDOC Library | NASSDOC Library | 2024-03-22 | Overseas press | 1083.00 | 2024-03-22 | 891.4308 NAG-C; Vol.1 | 54656 | 1500.00 | 2024-05-22 | Books | ||||
NASSDOC Library | NASSDOC Library | 2024-03-22 | Overseas press | 1083.00 | 2024-03-22 | 891.4308 NAG-C; Vol.3 | 54658 | 1500.00 | 2024-05-22 | Books | ||||
NASSDOC Library | NASSDOC Library | 2024-03-22 | Overseas press | 1083.00 | 2024-03-22 | 891.4308 NAG-C; Vol.2 | 54657 | 1500.00 | 2024-05-22 | Books |