Bharat nirman avam Manrega/ Dharmaraj Sharma
By: Sharma, Dharmaraj [author].
Publisher: Jaipur : Rawat Publications, 2019Description: 216p.ISBN: 9788131609972.Other title: भारत निर्माण एवं मनरेगा.Subject(s): Rural development -- India | Government policy -- Commercial policy -- IndiaDDC classification: 307.14 Summary: प्रस्तुत पुस्तक में महात्मा गांधी नरेगा योजना तथा भारत निर्माण एवं आर्थिक व सामाजिकोत्थान में इसके योगदान की व्यापक रूप से विवेचना की गई है। पुस्तक में विषय से सम्बिधित नवीनतम्, महत्वपूर्ण एवं ज्ञानवर्धक सामग्री के समावेश के साथ-साथ महात्मा गांधी नरेगा के सैद्धान्तिक एवं व्यावहारिक पक्षों का विश्लेषण भी किया गया है। पुस्तक कुल सात अध्यायों में विभक्त है - प्रथम अध्याय में, महात्मा गांधी नरेगा की प्रकृति एवं उद्देश्यों की विवेचना की गई है; द्वितीय अध्याय में, भारत के ग्रामीण सामाजिक एवं आर्थिक परिदृश्य पर गहन दृष्टिपात किया गया है; तृतीय अध्याय में, ग्रामीण भारत में अभी तक हुए सामाजिकोत्थान के विभिन्न प्रयासों पर व्यापक रूप से प्रकाश डाला गया है; चतुर्थ अध्याय में, महात्मा गांधी नरेगा योजना का विस्तृत रूप से समावेश किया गया है; पंचम् अध्याय में, योजना के सैद्धान्तिक पक्ष का उल्लेख किया गया है; षष्ठम् अध्याय में, योजना की व्यावहारिक स्थिति का वर्णन किया गया है तथा सप्तम् अध्याय, ‘मनरेगा : एक सामयिक कार्यक्रम’ विषय पर केन्द्रित है। यह पुस्तक राजनीति विज्ञान के स्नातक व स्नातकोत्तर विद्यार्थियों तथा सम्बन्ध्ति प्रतियोगी परीक्षार्थियों के लिए अत्यन्त कारगर सिद्ध होगी।Item type | Current location | Collection | Call number | Status | Notes | Date due | Barcode |
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NASSDOC Library | हिंदी पुस्तकों पर विशेष संग्रह | 307.14 SHA-B (Browse shelf) | Available | हिंदी पुस्तकों पर विशेष संग्रह | 52127 |
प्रस्तुत पुस्तक में महात्मा गांधी नरेगा योजना तथा भारत निर्माण एवं आर्थिक व सामाजिकोत्थान में इसके योगदान की व्यापक रूप से विवेचना की गई है। पुस्तक में विषय से सम्बिधित नवीनतम्, महत्वपूर्ण एवं ज्ञानवर्धक सामग्री के समावेश के साथ-साथ महात्मा गांधी नरेगा के सैद्धान्तिक एवं व्यावहारिक पक्षों का विश्लेषण भी किया गया है। पुस्तक कुल सात अध्यायों में विभक्त है - प्रथम अध्याय में, महात्मा गांधी नरेगा की प्रकृति एवं उद्देश्यों की विवेचना की गई है; द्वितीय अध्याय में, भारत के ग्रामीण सामाजिक एवं आर्थिक परिदृश्य पर गहन दृष्टिपात किया गया है; तृतीय अध्याय में, ग्रामीण भारत में अभी तक हुए सामाजिकोत्थान के विभिन्न प्रयासों पर व्यापक रूप से प्रकाश डाला गया है; चतुर्थ अध्याय में, महात्मा गांधी नरेगा योजना का विस्तृत रूप से समावेश किया गया है; पंचम् अध्याय में, योजना के सैद्धान्तिक पक्ष का उल्लेख किया गया है; षष्ठम् अध्याय में, योजना की व्यावहारिक स्थिति का वर्णन किया गया है तथा सप्तम् अध्याय, ‘मनरेगा : एक सामयिक कार्यक्रम’ विषय पर केन्द्रित है।
यह पुस्तक राजनीति विज्ञान के स्नातक व स्नातकोत्तर विद्यार्थियों तथा सम्बन्ध्ति प्रतियोगी परीक्षार्थियों के लिए अत्यन्त कारगर सिद्ध होगी।
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