सामाजिक समरसता/ नरेंद्र मोदी
By: मोदी, नरेंद्र [Author].
Contributor(s): मकवाना, किशोर [Editor].
Publisher: नई दिल्ली: प्रभात प्रकाशन, 2023Description: 248p. 22cm.ISBN: 9789350482353.Other title: Samajik Samrsata.Subject(s): Social integration -- Sociology -- Social inclusion -- India | समाज सुधारक -- समाज शास्त्र -- सामाजिक समावेश -- भारतDDC classification: 954.0532 Summary: अंग्रेजों ने हिंदुत्व को, राष्ट्रीयत्व को क्षीण करने का षड्यंत्र रचा, जिसे डॉ. बाबा साहब अंबेडकरजी ने समझा और समाज में आई बुराईयों को दूर करने का बीड़ा उठाया। वंचित वर्ग में प्रेरणा जगाकर उसमें ऊपर उठने की ललक जगाई। उसी प्रकार गुजरात के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भी समाज में व्याप्त दुःख और अभावों को दूर करने का संकल्प लिया। उन्होंने समरस समाज के विचार को प्रतिष्ठित करने का सत्प्रयास किया। समाज के विविध प्रश्नों को देखने का उनका अपना ही दृष्टिकोण है। नरेंद्र मोदी की समाज के प्रति जो संवेदना है, वंचितों के प्रति जो कर्तव्य-भाव है और सामाजिक समरसता के लिए जो प्रतिबद्धता है, वह उनके भाषणों में, उनके लेखों में तथा उनके कार्य में स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। किसी भी राज्य के संपूर्ण विकास का मापन राज्य के वंचितों-पीडि़तों के विकास (कष्ट निवारण) के आधार पर होता है। सच्चा सर्वांगीण विकास वही है, जिसमें अंतिम छोर में निवास करने वाले छोटे-से-छोटे आम आदमी तक विकास का फल पहुँचे। श्री नरेंद्र मोदी के शासन का अधिष्ठान ऐसा ही ‘कल्याणकारी राज्य’ रहा है। उनके जीवन-कार्य का केंद्रबिंदु भी समाज के अंतिम पायदान पर खड़ा सामान्य आदमी ही है। यह पुस्तक श्री नरेंद्र मोदी के विचारशील व चिंतनपरक लेखों का संकलन है। इसमें आमजन के प्रति उनके ममत्व भाव, सुख-दुःख में सहभागिता तथा विचार-चिंतन की श्रेष्ठता, समाज के प्रति संवेदना एवं सामाजिक समरसता के प्रति वचनबद्धता को साक्षात् अनुभव किया जा सकता है।Item type | Current location | Collection | Call number | Copy number | Status | Date due | Barcode |
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Books | NASSDOC Library | हिंदी पुस्तकों पर विशेष संग्रह | 954.0532 MOD-S (Browse shelf) | Available | 54046 |
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954.052092 BRA-C; Vol-2 चरण सिंह और कांग्रेस राजनीति | 954.052092 SIT-A आधा शेर | 954.0531 TRI-H हार नहीं मानूंगा | 954.0532 MOD-S सामाजिक समरसता/ | 954.0536 KAS- कैसे भूले आपातकाल का दंश: | 954.2035 BRA-N Narayan Dutt Tewari ka Uttar Pradesh evam Uttaranchal ke mukhyamantri ke roop me yogdan | 954.6 GUP-K कश्मीर: |
अंग्रेजों ने हिंदुत्व को, राष्ट्रीयत्व को क्षीण करने का षड्यंत्र रचा, जिसे डॉ. बाबा साहब अंबेडकरजी ने समझा और समाज में आई बुराईयों को दूर करने का बीड़ा उठाया। वंचित वर्ग में प्रेरणा जगाकर उसमें ऊपर उठने की ललक जगाई। उसी प्रकार गुजरात के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भी समाज में व्याप्त दुःख और अभावों को दूर करने का संकल्प लिया। उन्होंने समरस समाज के विचार को प्रतिष्ठित करने का सत्प्रयास किया। समाज के विविध प्रश्नों को देखने का उनका अपना ही दृष्टिकोण है। नरेंद्र मोदी की समाज के प्रति जो संवेदना है, वंचितों के प्रति जो कर्तव्य-भाव है और सामाजिक समरसता के लिए जो प्रतिबद्धता है, वह उनके भाषणों में, उनके लेखों में तथा उनके कार्य में स्पष्ट रूप से दिखाई देती है।
किसी भी राज्य के संपूर्ण विकास का मापन राज्य के वंचितों-पीडि़तों के विकास (कष्ट निवारण) के आधार पर होता है। सच्चा सर्वांगीण विकास वही है, जिसमें अंतिम छोर में निवास करने वाले छोटे-से-छोटे आम आदमी तक विकास का फल पहुँचे। श्री नरेंद्र मोदी के शासन का अधिष्ठान ऐसा ही ‘कल्याणकारी राज्य’ रहा है। उनके जीवन-कार्य का केंद्रबिंदु भी समाज के अंतिम पायदान पर खड़ा सामान्य आदमी ही है।
यह पुस्तक श्री नरेंद्र मोदी के विचारशील व चिंतनपरक लेखों का संकलन है। इसमें आमजन के प्रति उनके ममत्व भाव, सुख-दुःख में सहभागिता तथा विचार-चिंतन की श्रेष्ठता, समाज के प्रति संवेदना एवं सामाजिक समरसता के प्रति वचनबद्धता को साक्षात् अनुभव किया जा सकता है।
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