धूपछाँह / रामधारी सिंह "दिनकर"
By: सिंह, रामधारी 'दिनकर' Singh, Ramdhari 'Dinkar' रामधारी सिंह "दिनकर" [लेखक , Author.].
Publisher: प्रयागराज: लोकभारती प्रकाशन, 2022Description: 72p. 22 cm.ISBN: 9788180314131.Other title: Dhoop Chhanh by Ramdhari Singh 'Dinkar'.Subject(s): हिंदी काव्य -- काव्य संग्रह -- छायावादी और राष्ट्रीय चेतना | रामधारी सिंह 'दिनकर' – साहित्यिक योगदान -- आलोचना और व्याख्या -- हिंदी साहित्य का विकास | भारतीय समाज – सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण -- साहित्य में समाजशास्त्र -- सामाजिक न्याय और राष्ट्रवाद | हिंदी साहित्य में विचारधारा और दर्शन -- साहित्यिक विशेषताएँ -- दार्शनिक और सांस्कृतिक चिंतन | आधुनिक हिंदी कविता -- राष्ट्रवादी और प्रगतिशील काव्य -- समाज और व्यक्ति के संबंधDDC classification: 891.432 Summary: ‘धूपछाँह’ राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की सोलह ओजस्वी कविताओं का संकलन है जिसमें प्रांजल प्रवाहमयी भाषा, उच्चकोटि का छंद विधान और भाव संप्रेषण का समावेश किया गया है। प्रस्तुत पुस्तक में शक्ति या सौंदर्य, बल या विवेक, बच्चे का तकिया, पानी की चाल, कवि का मित्रा, दो विधा जमीन, तन्तुवायु, कैंची और तलवार, पुरातन भृत्य, भारतेन्द्र-स्मृति, वर-भिक्षा, रौशन वे की बहादुरी, नींद, तीन दर्द, पुस्तकालय, कलम और तलवार इत्यादि काव्य संकलित हैं जो उन लोगों को समर्पित है जो अपेक्षाकृत अल्पवयस्क है और सीधी-साधी रचनाओं से सहज ही प्रसन्न हो जाते हैं। आशा है कविवर दिनकर की यह कृति युवा पीढ़ी को एक नया संदेश देगी।Item type | Current location | Call number | Status | Date due | Barcode |
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NASSDOC Library | 891.432 SIN-D (Browse shelf) | Available | 54584 |
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891.43108 KAL-K खांटी घरेलू औरत / | 891.4317 BHA- भवानीप्रसाद मिश्र संचयन / | 891.432 SIN-B बात बात में बात/ | 891.432 SIN-D धूपछाँह / | 891.432 SIN-R रसवंती / | 891.4327 BHA-M महाभोज / | 891.433 ANA-B बन्द रास्तों का सफ़र / |
‘धूपछाँह’ राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की सोलह ओजस्वी कविताओं का संकलन है जिसमें प्रांजल प्रवाहमयी भाषा, उच्चकोटि का छंद विधान और भाव संप्रेषण का समावेश किया गया है। प्रस्तुत पुस्तक में शक्ति या सौंदर्य, बल या विवेक, बच्चे का तकिया, पानी की चाल, कवि का मित्रा, दो विधा जमीन, तन्तुवायु, कैंची और तलवार, पुरातन भृत्य, भारतेन्द्र-स्मृति, वर-भिक्षा, रौशन वे की बहादुरी, नींद, तीन दर्द, पुस्तकालय, कलम और तलवार इत्यादि काव्य संकलित हैं जो उन लोगों को समर्पित है जो अपेक्षाकृत अल्पवयस्क है और सीधी-साधी रचनाओं से सहज ही प्रसन्न हो जाते हैं। आशा है कविवर दिनकर की यह कृति युवा पीढ़ी को एक नया संदेश देगी।
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