बहुरि अकेला : कुमार गन्धर्व पर कविताएँ/ अशोक वाजपेयी
By: वाजपेयी,अशोक.
Publisher: नई दिल्ली: वाणी प्रकाशन, 2005Edition: 2nd स्करण.Description: 116p.ISBN: 9789350724859.Other title: Bahuri Akela : Kumar Gandharav Par Kavitayee/ Ashok Vaypayee.Subject(s): Gandharva, Kumar, 1924-1992 – Poetry | Indian classical music | Hindi poetryDDC classification: 780.92 Summary: हिन्दी में यह पुस्तक अनूठी है : वह एक संगीतप्रेमी कवि-आलोचक की एक महान् संगीतकार को अनेक किस्तों में दी गई प्रणति है। उसमें गहरे विनय, उदग्र जिज्ञासा और सजग अभिभूति से अशोक वाजपेयी ने कुमार गन्धर्व के संगीत-संसार, उनकी दृष्टि और उनकी चेष्टा को भावप्रवण काव्यभूमि और उत्तेजक बौद्धिक आधार प्रदार किया है। कुमार गन्धर्व की पचत्तरवीं वर्षगाँठ पर कविताओं, निबंधों और बातचीत का यह संकलन विशेष रूप से प्रकाशित किया जा रहा है।Item type | Current location | Collection | Call number | Status | Date due | Barcode |
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NASSDOC Library | हिंदी पुस्तकों पर विशेष संग्रह | 780.92 VAJ-B (Browse shelf) | Available | 54667 |
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658.1554 CHA-K Kriya adharit lagat nirdharan vidhi: activity based costing | 745.0954 PAN-B Bhojpuri panktipavan kalayain: ek parichay | 745.0954 PAN-B Bhojpuri panktipavan kalayain: ek parichay | 780.92 VAJ-B बहुरि अकेला : | 808.0420711 MON-S शैक्षणिक लेखन | 823.08 VAJ-S सीढ़ीयां शुरू हो गई हैं | 891.2 VID-K कलम को तीर होने दो: |
हिन्दी में यह पुस्तक अनूठी है : वह एक संगीतप्रेमी कवि-आलोचक की एक महान् संगीतकार को अनेक किस्तों में दी गई प्रणति है। उसमें गहरे विनय, उदग्र जिज्ञासा और सजग अभिभूति से अशोक वाजपेयी ने कुमार गन्धर्व के संगीत-संसार, उनकी दृष्टि और उनकी चेष्टा को भावप्रवण काव्यभूमि और उत्तेजक बौद्धिक आधार प्रदार किया है। कुमार गन्धर्व की पचत्तरवीं वर्षगाँठ पर कविताओं, निबंधों और बातचीत का यह संकलन विशेष रूप से प्रकाशित किया जा रहा है।
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