सीढ़ीयां शुरू हो गई हैं
By: वाजपेई, अशोक.
Publisher: New Delhi: Vani Prakashan, Description: 136p.ISBN: 9788170554981.Other title: Seediyan Shuroo Ho Gayee Hein / Ashok Vajpayee.Subject(s): Hindi - literature | Hindi - criticism | LiteratureDDC classification: 823.08 Summary: इसमें साहित्य, आलोचना, संस्कृति, भाषा और कला उपखण्डों से, जो विवेचन प्रस्तुत किया है, वे विधा की, विषयानुशासन की सीमाओं में हैं। इसके बावजूद यह इस अर्थ में उसका अतिक्रमण है कि इनके माध्यम से वे समय और समाज के प्रश्नों को भी उठाते हैं। अपने तईं उनका उत्तर तलाशने की कोशिश करते हैं। IItem type | Current location | Collection | Call number | Status | Date due | Barcode |
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NASSDOC Library | हिंदी पुस्तकों पर विशेष संग्रह | 823.08 VAJ-S (Browse shelf) | Available | 54689 |
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745.0954 PAN-B Bhojpuri panktipavan kalayain: ek parichay | 780.92 VAJ-B बहुरि अकेला : | 808.0420711 MON-S शैक्षणिक लेखन | 823.08 VAJ-S सीढ़ीयां शुरू हो गई हैं | 891.2 VID-K कलम को तीर होने दो: | 891.4 SIN-S सम्बोधित / | 891.43 BAG-H हो गई आधी रात/ |
इसमें साहित्य, आलोचना, संस्कृति, भाषा और कला उपखण्डों से, जो विवेचन प्रस्तुत किया है, वे विधा की, विषयानुशासन की सीमाओं में हैं। इसके बावजूद यह इस अर्थ में उसका अतिक्रमण है कि इनके माध्यम से वे समय और समाज के प्रश्नों को भी उठाते हैं। अपने तईं उनका उत्तर तलाशने की कोशिश करते हैं। I
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