वाह बारह /
WAAH BAARAH by Satyajit Ray
edited by:गोस्वामी, अमर
सत्यजित राय
- नई दिल्ली: रेमाधव पब्लिकेशन प्रा. लिमिटेड, 2023.
- 152p.
Includes Bibliography and Index.
अपनी फिल्मों के जरिये पूरी दुनिया में असाधारण शोहरत हासिल करनेवाले सत्यजित राय ने अपने लेखन से भी अपार लोकप्रियता हासिल की। अपनी अति व्यस्तता के बावजूद उन्होंने बांग्ला भाषा में जिस विपुल परिमाण में साहित्य लेखन किया, वह किसी को भी विस्मित कर सकता है। अपने पितामह उपेन्द्र किशोर रायचौधरी और पिता सुकुमार राय की तरह किशोरों के लिए साहित्य-सृजन की परम्परा को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने जासूस फेलूदा, वैज्ञानिक प्रोफेसर शंकु और बातूनी तारिणी चाचा जैसे नायाब पात्रों को साकार किया। यथार्थ और कल्पना तथा लौकिक और अलौकिक के मेल से उन्होंने दर्जनों ऐसे पात्रों और प्रसंगों को अपनी कहानियों में जीवन्त किया, जिन्हें भुला पाना असम्भव है। सत्यजित राय की कहानियाँ अकल्पनीय रहस्य-रोमांच से भरपूर हैं, पर ये कहानियाँ परम्परागत रहस्य-रोमांच की कहानियों से बिलकुल भिन्न एक नई भाव-भूमि, एक नए संसार से साक्षात्कार कराती हैं। उनकी अधिकतर कहानियाँ हमारी जानी-पहचानी जगहों और लोगों के बीच से ही कुछ ऐसा उद्घाटित करती हैं जो हमें रोमांचित कर देता है और हमारी कल्पनाशीलता को नई गति प्रदान करता है। ‘वाह बारह’ में सत्यजित राय के लेखन की तमाम रंगतों की बानगी पेश करने वाली एक दर्जन चुनिन्दा कहानियाँ संकलित हैं, जिन्हें पढ़ना निश्चय ही एक अविस्मरणीय अनुभव से गुजरना होगा।
Hindi.
9788189962913
बंगाली साहित्य – कहानियाँ--आधुनिक बंगाली साहित्य--लघु कथाएँ सत्यजीत राय – साहित्यिक योगदान--बंगाली कथा साहित्य--आलोचना और व्याख्या भारतीय समाज – सामाजिक और सांस्कृतिक चित्रण--समाज और व्यक्ति के संबंध--साहित्य में समाजशास्त्र रहस्य और रोमांच कहानियाँ--कथानक और चरित्र चित्रण--साहित्यिक विशेषताएँ हिंदी और बंगाली साहित्य की तुलनात्मक दृष्टि--कथा साहित्य में विविधता--साहित्यिक अध्ययन