बहुरि अकेला : कुमार गन्धर्व पर कविताएँ/
Bahuri Akela : Kumar Gandharav Par Kavitayee/ Ashok Vaypayee
अशोक वाजपेयी
- 2nd स्करण
- नई दिल्ली: वाणी प्रकाशन, 2005.
- 116p.
हिन्दी में यह पुस्तक अनूठी है : वह एक संगीतप्रेमी कवि-आलोचक की एक महान् संगीतकार को अनेक किस्तों में दी गई प्रणति है। उसमें गहरे विनय, उदग्र जिज्ञासा और सजग अभिभूति से अशोक वाजपेयी ने कुमार गन्धर्व के संगीत-संसार, उनकी दृष्टि और उनकी चेष्टा को भावप्रवण काव्यभूमि और उत्तेजक बौद्धिक आधार प्रदार किया है। कुमार गन्धर्व की पचत्तरवीं वर्षगाँठ पर कविताओं, निबंधों और बातचीत का यह संकलन विशेष रूप से प्रकाशित किया जा रहा है।
9789350724859
Gandharva, Kumar, 1924-1992 – Poetry Indian classical music Hindi poetry