बूँद और समुद्र /
Boond Aur Samudra by Amritlal Nagar
अमृतलाल नागर
- नई दिल्ली: राजकमल प्रकाशन, 2018.
- 472p.
Includes Bibliography and Index.
पठनीयता के बल पर हिंदी उपन्यास को ख्याति और प्रतिष्ठा दिलाने वालों में अमृतलाल नागर का नाम अग्रणी है ! कई पीढ़ियों ने उनकी कलम से निकले हृदाग्रही कथा-रस का आस्वाद लिया है ! कथा-साहित्य के कई अविस्मरणीय चरित्रों की सृष्टि का सेहरा भी नागरजी के ही सर बंधा है ! डॉ रामविलास शर्मा ने लिखा, “हिंदी के कुछ लेखक मार्क्सवाद पर पुस्तकें भी लिख चुके हैं लेकिन उनके पत्र वैसे सजीव नहीं होते, जैसे गाँधीवादी लेखक अमृतलाल नागर के सेठ बंकेमल या बूँद और समुद्र की ताई ! इसका कारन यह है की मार्क्सवाद या गांधीवाद ही किसी लेखक को कलाकार नहीं बना देता ! कथाकार बनाने के लिए मार्मिक अनुभूति आवश्यक है जो जीवन के हर पहलू को देख सके ! सामाजिक जीवन की जानकारी ही न होगी तो दृष्टिकोण बेचारा क्या करेगा?” लाच्क्नो के नागर, मध्यवर्गीय सामाजिक जीवन का अन्तरंग और सजीव चित्रण करनेवाला यह उपन्यास हिंदी उपन्यास-परंपरा में एक कालजयी कृति माना जाता है !
Hindi.
9788126728824
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