विद्यापति की कहानियाँ : महाकवि विद्यापति की तेरहनीतिपूर्णु कथाएँ / नागार्जुन
By: नागार्जुन | Nagarjun [लेखक | Author ].
Publisher: New Delhi: Vani Prakashan, 2011Description: 91p.ISBN: 9789350008683.Other title: Vidyapati ki kahaniyam by Nagarjun.Subject(s): विद्यापति – कृतियाँ -- कहानियाँ -- मैथिली साहित्य | विद्यापति – साहित्य में योगदान -- अध्ययन और आलोचना -- मध्यकालीन भारतीय काव्य | भारतीय साहित्य – मध्यकालीन युग -- नीति कथाएँ -- ऐतिहासिक और सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य | मैथिली साहित्य – कथा साहित्य -- लोककथाएँ और पारंपरिक गाथाएँ -- सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्य | हिंदी साहित्य – नागार्जुन का लेखन -- रूपांतर और व्याख्या -- साहित्यिक अध्ययनDDC classification: 891.4412 Summary: कविता, निबंध, कहानी आदि की भाँति कुछ ऐसी पुस्तकें भी है जो कभी छपी और आज जाने कहाँ दबी पड़ी हैं। ‘नागार्जुन साहित्य’ की सूची में उनका उल्लेख तक नही है। प्रस्तुत पुस्तक भी उनमें से एक है। इसका प्रथम संस्करण 1964 में हुआ और द्वितीय 1966 में। परंतु समुचित प्रचार-प्रसार न होने से यह पुस्तक पाठकों के लिए अब तक ‘दुर्लभ पुस्तकों’ में से एक है। विद्यापति की कहानियों का छाया-रूपांतर उन्हीं दिनों किया गया, जिन दिनों ‘विद्यापति के गीत’ गद्य रूपांतर हुआ,अर्थात 1963 में।Item type | Current location | Call number | Status | Date due | Barcode |
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NASSDOC Library | 891.593 NAG-V (Browse shelf) | Available | 54679 |
कविता, निबंध, कहानी आदि की भाँति कुछ ऐसी पुस्तकें भी है जो कभी छपी और आज जाने कहाँ दबी पड़ी हैं। ‘नागार्जुन साहित्य’ की सूची में उनका उल्लेख तक नही है। प्रस्तुत पुस्तक भी उनमें से एक है। इसका प्रथम संस्करण 1964 में हुआ और द्वितीय 1966 में। परंतु समुचित प्रचार-प्रसार न होने से यह पुस्तक पाठकों के लिए अब तक ‘दुर्लभ पुस्तकों’ में से एक है। विद्यापति की कहानियों का छाया-रूपांतर उन्हीं दिनों किया गया, जिन दिनों ‘विद्यापति के गीत’ गद्य रूपांतर हुआ,अर्थात 1963 में।
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