000 | 04244nam a22002057a 4500 | ||
---|---|---|---|
999 |
_c23296 _d23296 |
||
020 | _a9789383894611 | ||
082 |
_a363.9609542 _bRAJ-G |
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100 | _aरजनीकान्त नीरज | ||
245 | _aग्रामीण समुदाय में जनसंख्या नियंत्रण एवं नियोजन | ||
246 | _aGrameen samuday mein jansankya niyantran evam niyojan | ||
260 |
_aनई दिल्ली _b हिन्दी बुक सेन्टर _c2019 |
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260 |
_aनई दिल्ली _bभारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसन्धान परिषद् _c2019 |
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300 | _axii, 311p. | ||
500 | _aभारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसन्धान परिषद्, नई दिल्ली के पोस्ट डॉक्टोरल फेलोशिप हेतु प्रस्तुत अन्तिम शोध परिवेदन पर आधारित | ||
504 | _aग्रन्थसूची संगलन | ||
520 | _aप्रस्तुत शोध 'ग्रामीण समुदाय में जनसंख्या नियंत्रण एवं नियोजन (वाराणसी जनपद के हरहुआ विकासखंड पर आधारित एक समाजशास्रीय अध्ययन है) इसमें पूर्वी उत्तर प्रदेश के वाराणसी जनपद के हरहुआ विकासखंड में अवस्थित पाँच गाँवो क्रमश मुर्दहा, बेलवरिया, चौका (भुसौला ) सत्यबालपुर, उंदी आदि गाँवो की विवाहित महिलाओं एवं पुरुषों में परिवार नियोजन की अभिस्वीकृति एवं परिवार नियोजन के प्रति उनकी उन्मुखता तथा जनसंख्या वृद्धि के प्रति उनकी जागरूकता का तथ्यपरक विश्लेषण किया गया है। शोध के अंतर्गत जनसँख्या समस्या को ग्रामीण परिदृश्य में विवेचित करने का प्रयास किया गया है। भारतीय समाज में जनसँख्या की तीव्र वृद्धि ने विकास के अधिकांश लाभांशों को प्रगतिहीन बना दिया है। ग्रामीण समाजशास्र के प्रसंग में लिखित एक मौलिक पाठ्यग्रंथ का रूप दिया गया है। इसमें जनसँख्या नियंत्रण एवं नियोजन के विभिन्न कार्यक्रमों की प्रभाविकता एवं परिणामों का सम्यक विश्लेषण किया है। किसी भी देश की जनसँख्या में जनांकिकी प्रारूप अर्थात जन्म-मृत्युदर,औसत आयु स्थिति, स्री-पुरुष का सामयिक अनुपात आदि पहलुओं को दर्शाया गया है। समग्र रूप में पुस्तक की उपादेयता उच्च शोध कार्यो में संलग्न शोदकर्ताओं, जनसँख्या नियंत्रको एवं ग्रामीण समाजशास्त्र आदि के लिए महत्व की वस्तु होगी।" | ||
650 |
_aRural women--Attitudes _vFamily planning _vBirth control _vSocial conditions |
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796 | _aRajnikant Neeraj | ||
942 |
_2ddc _cBK |