000 04679nam a22002177a 4500
999 _c38996
_d38996
020 _a9788131612644
082 _a361.65
_bPAN-S
100 _aपांडे,बालेश्वर
_qBaleshwar Pandey
245 _aसमाज कार्य एवं समाज कल्याण/
_cबालेश्वर पांडे;तेजस्कर पांडे; दिनेश कुमार सिंह.
246 _aSamaj Karaya Avam Samaj Kalyan
260 _aजयपुर:
_b रावत,
_c2022.
300 _a304p.
_bInclude Reference.
520 _aयद्यपि परिवर्तन प्रकृति का शाश्वत नियम है। किन्तु मानव इतिहास में पिछले दो हजार वर्षों में इतने परिवर्तन नहीं हुये जितने कि विगत 200 वर्षों में हुए। जैसे विशाल पैमाने पर उत्पादन, वैज्ञानिक एवं प्राविधिक आविष्कार, विचारधाराओं एवं आदतों में आमूल परिवर्तन, सामाजिक सम्बल एवं सामरिक प्रकृति के विभिन्न आयामों पूर्ण रूपेण एवं अति वृहत परिवर्तन हुये हैं। फलस्वरूप नई समस्याऐं जनित हुई हैं। आज समाज कल्याण के भी प्राचीन क्षेत्रों में नवीन परिवर्तन एवं कुछ नवीन क्षेत्रों का अभ्युदय हुआ है। जैसे बाल कल्याण, युवा कल्याण, महिला कल्याण तथा वृहद कल्याण के क्षेत्र में संयुक्त परिवार के टूटने से नई समस्याऐं आ खड़ी हुई हैं। साथ ही उपभोक्ता संरक्षण तथा पर्यावरण जनित बहुत सी नई समस्याऐं भी उत्पन्न हो गई हैं। इन समस्याओं से निपटने में समाज कार्य की बहुप्रचलित विधियां जैसे वैयक्तिक सेवाकार्य एवं सामूहिक सेवाकार्य विशेष प्रभावशाली नहीं रह गये हैं। इस प्रकार के परिवर्तनों से निबटने के लिए समाज कार्य एक सक्षम संयंत्र की भांति प्रयुक्त हो सकता है। सामाजिक हस्तक्षेप के विज्ञान एवं कला के रूप में समाज कार्य ने बहुत से ऐसे प्रशिक्षित कार्यकर्ता दिए हैं जिन्होंने मानव मात्र की अनेक समस्याओं और मुद्दों में हस्तक्षेप कर उन्हें सुलझाने का प्रयास किया है। इस परिप्रेक्ष्य में समाज कल्याण एवं समाज कार्य के सम्बन्ध में एक नये सिरे से विचार करने की आवश्यकता है। इसी सम्बन्ध में प्रस्तुत पुस्तक की रचना की गई है। यह एक महत प्रयास है जो हिन्दी भाषा में समाज कार्य के उच्च स्तरीय कक्षाओं में अध्यापन करने वाले अध्यापकों एवं छात्रों के लिए उपयोगी होगा।
546 _aHindi.
650 _aसामुदायिक विकास
650 _aसामाजिक सेवा
650 _aकार्य, समाज
700 _a तेजस्कर पांडे
_e लेखक
700 _aदिनेश कुमार सिंह
_e लेखक
942 _2ddc
_cBK