000 03259cam a22002657a 4500
999 _c39344
_d39344
020 _a9788189914516
041 _ahin-
082 _a891.433
_bBHA-A
100 1 _aभंडारी, मन्नू
_eलेखक
245 1 0 _aअकेली /
_cद्वारा मन्नू भंडारी.
250 _a1. saṃskaraṇa.
260 _aगाजियाबाद:
_bरेमाधव पब्लिकेशन,
_c2007.
300 _a240p.
500 _aShort stories.
504 _aIncludes bibliography and index.
520 _aअकेली मन्नू भंडारी द्वारा लिखी गयी एक मनोवैज्ञानिक कहानी है। इस कहानी में एक ऐसी औरत का वर्णन है जो अपने पति के होते हुए भी अकेली है। उस स्त्री का नाम है सोमा। लोग प्यार से उसे सोमा बुआ कहते है।इस कहानी में सोमा बुआ के मानसिक संसार का वर्णन किया गया है। उसका सोचना , अलग अलग विषयों पर उसके विचार , परिस्थियों को वह किस प्रकार संभालती है आदि को इस कहानी में दिखाया गया है। पुत्र की मौत और पति के हरिद्वार चले जाने के बाद सोमा अकेली रह जाती है तथा अपने आप को समाज को सौंप देती है जिसका अर्थ है वह सामाजिक कामो में अपना मन लगा लेती है लेकिन वहाँ भी उसके पति उसमें रोक-टोक करते है। इस प्रकार हम देखते हैं कि"अकेली" कहानी सोमा नामक एक अकेली औरत के इर्द-गिर्द धूमती है तथा उसी के माध्यम से अपने उद्देश्य को प्रकट करती हैं।
546 _aIn Hindi.
650 _aमन्नू भंडारी
_vकृतियाँ
_xहिंदी साहित्य
650 _aहिंदी उपन्यास
_vकथा साहित्य
_xसामाजिक और व्यक्तिगत संघर्ष
650 _aनारीवाद
_vसाहित्य
_xस्त्री विमर्श और स्वायत्तता
650 _aभारतीय साहित्य
_vहिंदी
_xआधुनिक साहित्य
650 _aसाहित्यिक विश्लेषण
_vअध्ययन
_xमन्नू भंडारी के उपन्यास
650 _aअकेलापन
_vसाहित्य
_xसामाजिक और मनोवैज्ञानिक पहलू
942 _2ddc
_cBK