000 01509nam a22001817a 4500
999 _c39437
_d39437
020 _a9788170555758
082 _a891.431
_bNAG-A
100 _aनागार्जुन
245 _a अपने खेत में /
_cनागार्जुन
250 _a2nd edition
260 _aनई दिल्ली :
_b वाणी प्रकाशन,
_c2012.
300 _a63p.
520 _aनागार्जुन की विशेषता यह है कि उन्होंने अपने यथार्थवाद को निरन्तर ऊँचे धरातल प रपहुँचाया है। उनके राजनीतिक व्यंग्य कितने पैने हुए हैं, उनमेंजीवनकेअन्तर्विरोधोंकीसमझदृढ़हुईहै, उनकाभौतिकवादीरुझानअविचलरहाहै, इसेहमसभीजानतेहैं। 'हरिजनगाथा' और 'छोटीमछली... बड़ीमछली...' जैसीकविताओंकीरचनाकरकेनागार्जुननेनकेवलअपनेआपको, वरनप्रगतिशीलकविताको, हिन्दीसाहित्यकोमूल्यवानअवदानकियाहै।
546 _aHindi
650 _aHindi Literature
650 _aHindi Fiction
942 _2ddc
_cBK