नागार्जुन

अपने खेत में / नागार्जुन - 2nd edition - नई दिल्ली : वाणी प्रकाशन, 2012. - 63p.

नागार्जुन की विशेषता यह है कि उन्होंने अपने यथार्थवाद को निरन्तर ऊँचे धरातल प रपहुँचाया है। उनके राजनीतिक व्यंग्य कितने पैने हुए हैं, उनमेंजीवनकेअन्तर्विरोधोंकीसमझदृढ़हुईहै, उनकाभौतिकवादीरुझानअविचलरहाहै, इसेहमसभीजानतेहैं। 'हरिजनगाथा' और 'छोटीमछली... बड़ीमछली...' जैसीकविताओंकीरचनाकरकेनागार्जुननेनकेवलअपनेआपको, वरनप्रगतिशीलकविताको, हिन्दीसाहित्यकोमूल्यवानअवदानकियाहै।


Hindi

9788170555758


Hindi Literature
Hindi Fiction

891.431 / NAG-A