अपने खेत में / नागार्जुन
By: नागार्जुन.
Publisher: नई दिल्ली : वाणी प्रकाशन, 2012Edition: 2nd edition.Description: 63p.ISBN: 9788170555758.Subject(s): Hindi Literature | Hindi FictionDDC classification: 891.431 Summary: नागार्जुन की विशेषता यह है कि उन्होंने अपने यथार्थवाद को निरन्तर ऊँचे धरातल प रपहुँचाया है। उनके राजनीतिक व्यंग्य कितने पैने हुए हैं, उनमेंजीवनकेअन्तर्विरोधोंकीसमझदृढ़हुईहै, उनकाभौतिकवादीरुझानअविचलरहाहै, इसेहमसभीजानतेहैं। 'हरिजनगाथा' और 'छोटीमछली... बड़ीमछली...' जैसीकविताओंकीरचनाकरकेनागार्जुननेनकेवलअपनेआपको, वरनप्रगतिशीलकविताको, हिन्दीसाहित्यकोमूल्यवानअवदानकियाहै।Item type | Current location | Call number | Status | Date due | Barcode |
---|---|---|---|---|---|
![]() |
NASSDOC Library | 891.431 NAG-A (Browse shelf) | Available | 54641 |
नागार्जुन की विशेषता यह है कि उन्होंने अपने यथार्थवाद को निरन्तर ऊँचे धरातल प रपहुँचाया है। उनके राजनीतिक व्यंग्य कितने पैने हुए हैं, उनमेंजीवनकेअन्तर्विरोधोंकीसमझदृढ़हुईहै, उनकाभौतिकवादीरुझानअविचलरहाहै, इसेहमसभीजानतेहैं। 'हरिजनगाथा' और 'छोटीमछली... बड़ीमछली...' जैसीकविताओंकीरचनाकरकेनागार्जुननेनकेवलअपनेआपको, वरनप्रगतिशीलकविताको, हिन्दीसाहित्यकोमूल्यवानअवदानकियाहै।
Hindi
There are no comments for this item.