अकेली / द्वारा मन्नू भंडारी.
By: भंडारी, मन्नू [लेखक].
Publisher: गाजियाबाद: रेमाधव पब्लिकेशन, 2007Edition: 1. saṃskaraṇa.Description: 240p.ISBN: 9788189914516.Subject(s): मन्नू भंडारी -- कृतियाँ -- हिंदी साहित्य | हिंदी उपन्यास -- कथा साहित्य -- सामाजिक और व्यक्तिगत संघर्ष | नारीवाद -- साहित्य -- स्त्री विमर्श और स्वायत्तता | भारतीय साहित्य -- हिंदी -- आधुनिक साहित्य | साहित्यिक विश्लेषण -- अध्ययन -- मन्नू भंडारी के उपन्यास | अकेलापन -- साहित्य -- सामाजिक और मनोवैज्ञानिक पहलूDDC classification: 891.433 Summary: अकेली मन्नू भंडारी द्वारा लिखी गयी एक मनोवैज्ञानिक कहानी है। इस कहानी में एक ऐसी औरत का वर्णन है जो अपने पति के होते हुए भी अकेली है। उस स्त्री का नाम है सोमा। लोग प्यार से उसे सोमा बुआ कहते है।इस कहानी में सोमा बुआ के मानसिक संसार का वर्णन किया गया है। उसका सोचना , अलग अलग विषयों पर उसके विचार , परिस्थियों को वह किस प्रकार संभालती है आदि को इस कहानी में दिखाया गया है। पुत्र की मौत और पति के हरिद्वार चले जाने के बाद सोमा अकेली रह जाती है तथा अपने आप को समाज को सौंप देती है जिसका अर्थ है वह सामाजिक कामो में अपना मन लगा लेती है लेकिन वहाँ भी उसके पति उसमें रोक-टोक करते है। इस प्रकार हम देखते हैं कि"अकेली" कहानी सोमा नामक एक अकेली औरत के इर्द-गिर्द धूमती है तथा उसी के माध्यम से अपने उद्देश्य को प्रकट करती हैं।Item type | Current location | Call number | Status | Date due | Barcode |
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NASSDOC Library | 891.433 BHA-A (Browse shelf) | Available | 54587 |
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891.432 SIN-R रसवंती / | 891.4327 BHA-M महाभोज / | 891.433 ANA-B बन्द रास्तों का सफ़र / | 891.433 BHA-A अकेली / | 891.433 BHA-E एक अंतहीन युद्ध / | 891.433 BHA-M मैं हार गयी / | 891.433 BHA-S सम्पूर्ण कहानियाँ / |
Short stories.
Includes bibliography and index.
अकेली मन्नू भंडारी द्वारा लिखी गयी एक मनोवैज्ञानिक कहानी है। इस कहानी में एक ऐसी औरत का वर्णन है जो अपने पति के होते हुए भी अकेली है। उस स्त्री का नाम है सोमा। लोग प्यार से उसे सोमा बुआ कहते है।इस कहानी में सोमा बुआ के मानसिक संसार का वर्णन किया गया है। उसका सोचना , अलग अलग विषयों पर उसके विचार , परिस्थियों को वह किस प्रकार संभालती है आदि को इस कहानी में दिखाया गया है। पुत्र की मौत और पति के हरिद्वार चले जाने के बाद सोमा अकेली रह जाती है तथा अपने आप को समाज को सौंप देती है जिसका अर्थ है वह सामाजिक कामो में अपना मन लगा लेती है लेकिन वहाँ भी उसके पति उसमें रोक-टोक करते है। इस प्रकार हम देखते हैं कि"अकेली" कहानी सोमा नामक एक अकेली औरत के इर्द-गिर्द धूमती है तथा उसी के माध्यम से अपने उद्देश्य को प्रकट करती हैं।
In Hindi.
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