अमिता / लेखक यशपाल.
By: यशपाल [लेखक.].
Publisher: प्रयागराज: लोकभारती प्रकाशन, 2010Description: 164p.ISBN: 9788180314995.Subject(s): यशपाल -- कृतियाँ -- हिंदी साहित्य | हिंदी उपन्यास -- कथा साहित्य -- सामाजिक और व्यक्तिगत संघर्ष | भारतीय साहित्य -- हिंदी -- समकालीन साहित्य | नारीवाद -- साहित्य -- हिंदी उपन्यास में स्त्री विमर्श | साहित्यिक विश्लेषण -- अध्ययन -- यशपाल के उपन्यासDDC classification: 891.433 Summary: 'अमिता' उपन्यास साहित्यकार यशपाल का 'दिव्या' की भाँति ऐतिहासिक है। ‘अमिता’ ऐतिहासिक पृष्ठभूमि में कल्पना को आधार बनाकर लिखा गया उपन्यास है। इस उपन्यास के प्राक्कथन में यशपाल स्वयं इसके मूल मन्तव्य की ओर इशारा करते हैं–‘विश्वशान्ति के प्रयत्नों में सहयोग देने के लिए मुझे भी तीन वर्ष में दो बार यूरोप जाना पड़ा है। स्वभावतः इस समय (1954-1956) में लिखे मेरे इस उपन्यास में, मुद्दों द्वारा लक्ष्यों को प्राप्त करने अथवा समस्याओं को सुलझाने की नीति की विफलता का विचार कहानी का मेरुदंड बन गया है।’Item type | Current location | Call number | Status | Date due | Barcode |
---|---|---|---|---|---|
![]() |
NASSDOC Library | 891.433 YAS-A (Browse shelf) | Available | 54588 |
Includes bibliography and index.
'अमिता' उपन्यास साहित्यकार यशपाल का 'दिव्या' की भाँति ऐतिहासिक है। ‘अमिता’ ऐतिहासिक पृष्ठभूमि में कल्पना को आधार बनाकर लिखा गया उपन्यास है। इस उपन्यास के प्राक्कथन में यशपाल स्वयं इसके मूल मन्तव्य की ओर इशारा करते हैं–‘विश्वशान्ति के प्रयत्नों में सहयोग देने के लिए मुझे भी तीन वर्ष में दो बार यूरोप जाना पड़ा है। स्वभावतः इस समय (1954-1956) में लिखे मेरे इस उपन्यास में, मुद्दों द्वारा लक्ष्यों को प्राप्त करने अथवा समस्याओं को सुलझाने की नीति की विफलता का विचार कहानी का मेरुदंड बन गया है।’
Hindi.
There are no comments for this item.